संघ लोक सेवा आयोग या यूपीएससी भारत की केंद्रीय संस्था है जो सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करती है, सिविल सेवा परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई संघ सेवाओं में भर्ती करने के लिए भारत की एक राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षा है। सीएसई (सिविल सेवा परीक्षा) यूपीएससी प्रारंभिक, यूपीएससी मुख्य और पर्सनालिटी टेस्ट सहित 3 चरणों में आयोजित की जाती है।पर्सनालिटी टेस्ट को प्रारंभिक परीक्षा के 3 महीने की अवधि के अंतिम चरण में कवर करता है, यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष एक बार होती है। यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा देने के लिए आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए या जो उम्मीदवार स्नातक की परीक्षा देने के बाद परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे है वे भी इस प्रारंभिक परीक्षा के योग्य होते हैं। सामान्य श्रेणी में आने वाले उम्मीदवार 32 की उम्र सीमा के साथ 6 बार प्रयास कर सकते है। प्रारंभिक परीक्षा को दो पेपर्स में विभाजित किया जाता है, प्रत्येक पेपर 200 अंक का होता है, और प्रत्येक के लिए 2 घंटे का समय दिया जाता है। यूपीएससी प्री मुख्य परीक्षा में आने के लिए पहला कदम है। यूपीएससी परीक्षा जून के मध्य में आयोजित होती है, जिसें हर साल देशभर में लाखों उम्मीदवार देते हैं, जबकि परीक्षा अभी भी पेपर आधारित है।
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा
सामान्य अध्ययन पेपर 1:
प्रकार: पेपर आधारित परीक्षा (ऑफलाइन मोड)
अवधि: यूपीएससी प्री परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन पेपर 1 की अवधि 120 मिनट की होगी।
प्रश्नों की संख्या: 100 ऑब्जेक्टिव प्रश्न
शामिल पाठ्यक्रम: इस पाठ्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भारतीय राजनीति, मूल आर्थिक समझ, भूगोल शामिल है। हालांकि यह पाठ्यक्रम स्थिर भाग हैं, गतिशील भाग में वर्तमान मामलों, सामान्य ज्ञान को शामिल किया गया हैं और जो उचित तरह से परिभाषा नहीं हैं, वह इस पाठ्यक्रम को काफी विशाल बनाते हैं।
अंक देने की योजना: प्रत्येक सही उत्तर के लिए 2 अंक दिए जाएंगे और हर गलत जवाब के लिए 1/3 अंक काट लिए जाएगें।
सामान्य अध्ययन पेपर 2:
प्रकार: पेपर आधारित परीक्षा (ऑफलाइन मोड)
अवधि: यूपीएससी प्री परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन पेपर 2 की अवधि 120 मिनट की होगी।
प्रश्नों की संख्या: 80 ऑब्जेक्टिव प्रश्न
शामिल पाठ्यक्रम: पेपर 2 एक योग्यता टेस्ट है जो गतिशील प्रकृति में है और इसमें गणित, तर्क, विश्लेषणात्मक क्षमता और पारस्परिक कौशल शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में मानसिक क्षमता की आवश्यकता होती है।
अंक देने की योजना: प्रत्येक सही उत्तर के लिए 2.5 अंक दिए जाएंगे और हर गलत जवाब के लिए 1/3 अंक काट लिए जाएगें।
पेपर 2 अब केवल चुनाव संबंधित प्रकृति है और मेरिट सूची बनाने के दौरान इसके अंकों को गिना भी नहीं जाता हैं। हालांकि, उम्मीदवार को प्रारंभिक परीक्षा के लिए योग्यता होने के लिए इस पेपर में न्यूनतम 33% स्कोर करना अनिवार्य है।
यूपीएससी प्री की प्रतियोगिता को समझना
यूपीएससी प्री भारत में सबसे मुश्किल योग्यता फॉर्मैट है जो देश का सीविल सेवा अधिकारी बनने के लिए तीन चरणों में से पहला कदम है। इस परीक्षा की प्रतिस्पर्धात्मकता वास्तव में उच्च है क्योंकि वर्ष 2016 में लगभग 12 लाख आवेदन आए जो प्रति वर्ष बढ़ते ही जा रहे है। देश भर में सबसे प्रतिष्ठित नौकरी प्रदान करने वाली परीक्षा होने के नाते, इसका कठिनाई स्तर भी हमेशा उच्च ही होता है। जो उम्मीदवार इस कट-ऑफ में अंक प्राप्त कर लेते है वह अगली यूपीएससी मुख्य परीक्षा के योग्य हो जाते है। इस परीक्षा का कठिनाई स्तर हमेशा उच्च रहा है क्योंकि इस परीक्षा के लिए सबसे अधिक योग्य और प्रमाणित अधिकारियों द्वारा परीक्षा पत्र का निर्माण कराया जाता है जिन्होंने पहले ही इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कि हो। परीक्षा को दो भागों में आयोजित किया जाता है सामान्य अध्ययन पेपर 1 और सामान्य अध्ययन पेपर 2 दोनों पेपर 200 अंक के होते है जिन्हें 2 घंटे में हल करना होता है। पेपर 1, कट-ऑफ पर आधारित होता है जबकि पेपर 2 एक योग्यता पेपर है जिसमें सफल होने के लिए कम से कम 33% अंकों की आवश्यकता होती है। इस परीक्षा का एक प्रमुख बिंदु यह है, कि एक योग्य उम्मीदवार जो सामान्य श्रेणी से संबंध रखता हो वह 32 वर्ष की आयु तक 6 बार प्रयास कर इस परीक्षा को दे सकता है।
कटऑफ (यूपीएससी प्री)
प्री-परीक्षा के बाद यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में कटऑफ अगला कदम है। कट-ऑफ यह तय करता है कि कितने उम्मीदवार अगली परीक्षा देने के योग्य है और उन्हें मुख्य परीक्षा में प्रवेश करने की इजाजत हैं।
पंजीकरण की संख्या
वर्ष 2016 में यूपीएससी द्वारा प्राप्त उम्मीदवारों की संख्या 11.36 लाख थी, जो वर्ष 2017 में बढ़ने की संभावना है। यहां तक कि यूपीएससी प्री परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा माना जाता हैं, लेकिन इसके बाद भी देश में हर साल इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ती ही रहती है।
यूपीएससी प्री परीक्षा के उम्मीदवारों का खंड संबंधित वितरण
1. सभी उम्मीदवार सामान्य श्रेणी या प्रदर्शन के तहत आते हैं।
2. उम्मीदवारों को पेपर 2 की तुलना में पेपर 1 के लिए अधिक प्रयास दिए जाते हैं। पेपर में निर्णायक अंक होने पर परिणाम सही होते हैं।
3. इस परीक्षा में पेपर 2 के लिए एसडी कम संकेत दे सकता है। इसका मतलब यह है कि प्रतियोगिता बहुत करीबी है और कम अंक प्राप्त करने पर कटऑफ में हारने की संभावना अधिक है।
4. पेपर 1 और पेपर 2 में मानक अंतर है, जिससे दो विपरीत विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है इससे चित्र और प्रसारण का अध्ययन कर के केवल पेपर 1 में अच्छे परिणाम प्राप्त करने में मदद कर सकते है।
यूथ4वर्क प्रेप टेस्ट
आजकल उम्मीदवारों के बीच प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन अभ्यास टेस्ट बहुत लोकप्रिय हैं। स्व-डिज़ाइन मॉक टेस्ट के साथ-साथ खंडों और विषयों का अलग-अलग अभ्यास सकते हैं। यूथ4वर्क की अनूठी और स्वामित्व वाली तकनीक लाखों उम्मीदवारों की मदद कर रही है साथ ही उम्मीदवार किसी भी परीक्षा के लिए अच्छे से तैयारी कर सकते है और अपने प्रदर्शन को भी सुधार सकते हैं। आप यूथ4वर्क पर यूपीएससी प्री परीक्षा के लिए अभ्यास टेस्ट के माध्यम से लगभग लाखों सवालों का प्रयास कर सकते है। प्रत्येक उम्मीदवार को रेटिंग स्केल पर रेट किया जाता है, जो उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले सवाल के प्रयास पर बदलती रहती हैं।